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Surya Grahan 2019 Date: इस तारीख को लगेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, आपकी राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

Surya Grahan 2019 Date: 
गुरुवार, 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत के साथ ही एशिया, अफ्रीका, और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण खंडग्रास रहेगा। दक्षिण भारत में कंकणाकृति सूर्य ग्रहण दिखेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पूर्व शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक रहता है। जानिए ग्रहण से जुड़ी खास बातें मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय से 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। यह ग्रहण के समापन तक होता है। ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, पूजा अर्चना नहीं होती है। मोक्ष होने पर अर्थात् ग्रहण खत्म होने के बाद कपाट खोले जाते हैं और पूजा अर्चना की जाती है। यह सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।
आइए जानते हैं वर्ष के अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में खास बातें:
यह सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्य ग्रहण यानी आंशिक होगा।
सूर्य ग्रहण का प्रारंभ: सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर होगा।
परमग्रास: सुबह 09 बजकर 31 मिनट पर।
सूर्य ग्रहण का समापन: सुब​ह 10 बजकर 57 मिनट पर होगा
सूर्य ग्रहण का कुल समय: 02 घंटे 40 मिनट 02 सेकेंड।
सूतक प्रारंभ: 25 दिसंबर दिन बुधवार को शाम 5 बजकर 31 मिनट से।
सूतक समापन: 26 दिसंबर दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद पवित्र जल से स्नान करने और दान करने की परंपरा है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है।
  • ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यता
पं. शर्मा के अनुसार पुराने समय में समुद्र मंथन हुआ था। इसमें देवताओं और दानवों ने भागय लिया था। जब समुद्र मंथन से अमृत निकला तो इसके लिए देवताओं और दानवों के बीच युद्ध होने लगा। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया और देवताओं को अमृतपान करवाया। उस समय राहु नाम का असुर ने भी देवताओं का वेश धारण करके अमृत पान कर लिया था। चंद्र और सूर्य ने राहु को पहचान लिया और भगवान विष्णु को बता दिया। विष्णुजी ने क्रोधित होकर राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया, क्योंकि राहु ने भी अमृत पी लिया था इस कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई। इस घटना के बाद राहु चंद्र और सूर्य से शत्रुता रखता है और समय-समय पर इन ग्रहों को ग्रसता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण कहते हैं।
  • कब होता है सूर्य ग्रहण
जब पृथ्वी पर चंद्र की छाया पड़ती है, तब सूर्य ग्रहण होता है। इस दौरान सूर्य, चंद्र और पृथ्वी एक लाइन में आ जाते हैं। ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है, लेकिन इस ग्रहण का सूतक भारत में नहीं रहेगा, क्योंकि यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
  • सूर्य ग्रहण के समय क्या करें
ग्रहण के समय मंत्र जाप करना चाहिए। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। ग्रहण से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए। इससे खाने पर ग्रहण की नकारात्मक किरणों का असर नहीं होता है।

सूर्य ग्रहण के सूतक काल में क्या न करें (Surya Grahan Ke Sutak Kaal Mai Kya Kare Kya Na Kare)
1. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी भी शुभ काम की शुरुआत न करें। क्योंकि इस काल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता।
2. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में न तो खाना बनाएं और न ही खाएं।
3.सूर्य ग्रहण के सूतक काल में पूजा करना निषेध माना जाता है। इसलिए किसी भी मूर्ति को इस समय में स्पर्श न करें। वैसे इस समय में मंत्र जाप किया जा सकता है।
4. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में शारीरीक संबंध न बनाएं।
5. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी सूनसान जगह या शमशान के पास न जाए
सूर्य ग्रहण का राशियों पर असर
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का 12 राशियों मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बार भी सूर्य ग्रहण लगने से इन राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्रमा जब पृथ्वी का चक्कर लगाते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंचती हैं, इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह आंशिक और पूर्ण दो तरह का होता है।

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