Surya Grahan 2019 Date: इस तारीख को लगेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, आपकी राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
यह सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्य ग्रहण यानी आंशिक होगा।
सूर्य ग्रहण का प्रारंभ: सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर होगा।
परमग्रास: सुबह 09 बजकर 31 मिनट पर।
सूर्य ग्रहण का समापन: सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर होगा
सूर्य ग्रहण का कुल समय: 02 घंटे 40 मिनट 02 सेकेंड।
सूतक प्रारंभ: 25 दिसंबर दिन बुधवार को शाम 5 बजकर 31 मिनट से।
सूतक समापन: 26 दिसंबर दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद पवित्र जल से स्नान करने और दान करने की परंपरा है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है।
- ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यता
- कब होता है सूर्य ग्रहण
- सूर्य ग्रहण के समय क्या करें
सूर्य ग्रहण के सूतक काल में क्या न करें (Surya Grahan Ke Sutak Kaal Mai Kya Kare Kya Na Kare)
1. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी भी शुभ काम की शुरुआत न करें। क्योंकि इस काल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता।
2. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में न तो खाना बनाएं और न ही खाएं।
3.सूर्य ग्रहण के सूतक काल में पूजा करना निषेध माना जाता है। इसलिए किसी भी मूर्ति को इस समय में स्पर्श न करें। वैसे इस समय में मंत्र जाप किया जा सकता है।
4. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में शारीरीक संबंध न बनाएं।
5. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी सूनसान जगह या शमशान के पास न जाए
सूर्य ग्रहण का राशियों पर असर
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का 12 राशियों मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बार भी सूर्य ग्रहण लगने से इन राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्रमा जब पृथ्वी का चक्कर लगाते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंचती हैं, इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह आंशिक और पूर्ण दो तरह का होता है।
1. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी भी शुभ काम की शुरुआत न करें। क्योंकि इस काल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता।
2. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में न तो खाना बनाएं और न ही खाएं।
3.सूर्य ग्रहण के सूतक काल में पूजा करना निषेध माना जाता है। इसलिए किसी भी मूर्ति को इस समय में स्पर्श न करें। वैसे इस समय में मंत्र जाप किया जा सकता है।
4. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में शारीरीक संबंध न बनाएं।
5. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी सूनसान जगह या शमशान के पास न जाए
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्रमा जब पृथ्वी का चक्कर लगाते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंचती हैं, इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह आंशिक और पूर्ण दो तरह का होता है।
Comments
Post a Comment